तत्सम शब्द- हिन्दी भाषा का विकास संस्कृत भाषा से हुआ है। अतः इसी भाषा से सीधे शब्द हिन्दी में आये हैं। इन्हें तत्सम शब्द कहते हैं।
जैसे- नासिका, मुख, सूर्य, चन्द्रमा, रात्रि आदि।
तद्भव शब्द- वे शब्द जो तत्सम न रहकर उसी शब्द से बिगड़कर बने हैं, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं।
जैसे- चाँद, सूरज, रात, नाक, मुँह आदि।
तत्सम | तद्भव | तत्सम | तद्भव |
---|---|---|---|
चन्द्र | चाँद | ग्राहक | गाहक |
मयूर | मोर | विद्युत | बिजली |
वधू | बहू | नृत्य | नाच |
चर्म | चमड़ा | गौ | गाय |
ग्रीष्म | गर्मी | अज्ञानी | अज्ञानी |
अकस्मात् | अचानक | अग्नि | आग |
आलस्य | आलस | उज्ज्वल | उजला |
कर्म | काम | नवीन | नया |
स्वर्ण | सोना | शत | सौ |
श्रंगार | सिंगार | सर्प | साँप |
कूप | कुआँ | कोकिल | कोयल |
मृत्यु | मौत | सप्त | सात |
घृत | घी | दधि | दही |
दुग्ध | दूध | धूम्र | धुआँ |
दन्त | दाँत | छिद्र | छेद |
अमूल्य | अमोल | आश्चर्य | अचरज |
अश्रु | आँसू | कर्ण | कान |
कृषक | किसान | ग्राम | गाँव |
हस्ती | हाथी | आम्र | आम |
मक्षिका | मक्खी | शर्कर | शक्कर |
सत्य | सच | हस्त | हाथ |
हरित | हरा | शिर | सिर |
गृह | घर | चूर्ण | चूरन |
कुम्भकार | कुम्हार | कटु | कड़वा |
नग्न | नंगा | भगिनी | बहिन |
वार्ता | बात | भगिनी | बहिन |
मृत्तिका | मिट्टी | पुत्र | पूत |
कपाट | किवाड़ | छत्र | छाता |
धैर्य | धीरज | कर्ण | कान |
भुजा | बाँह | पाद | पाँव |